चत् पूजा महोत्सव 2023
सूर्य देव और छठी मैया की असीम कृपा प्राप्त करने के लिए पवित्र नदियों के तट पर आयोजित होने वाले इस पावन पर्व में सभी का स्वागत है
Donate Usहमारी समिति के बारे में
श्री चत् पूजा समिति एक समर्पित स्वयंसेवी संगठन है जो प्रतिवर्ष छठ पूजा के पवित्र पर्व को अत्यंत भक्ति और उत्साह के साथ आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारा मुख्य उद्देश्य छठ पूजा की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि सभी भक्तगण शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में पूजा-अर्चना कर सकें।
हम घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंध, प्रसाद वितरण और जरूरतमंदों की सहायता जैसे विभिन्न कार्यों में सक्रिय रूप से संलग्न हैं। हमारी समिति समुदाय के सभी वर्गों को एक साथ लाने और इस महापर्व के दौरान भाईचारे और सद्भाव को बढ़ावा देने में विश्वास रखती है। हम समाज सेवा और आध्यात्मिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
चत् पूजा के बारे में
छठ पूजा हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की उपासना के लिए समर्पित है, जो प्रकृति और जीवन के दाता हैं। यह पर्व लोक आस्था का महापर्व है, जिसमें उगते और डूबते सूर्य दोनों को अर्घ्य देकर उनकी पूजा की जाती है।
यह त्योहार चार दिनों तक चलता है: नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य। इन दिनों में भक्त कठोर उपवास रखते हैं, पवित्र स्नान करते हैं, और सूर्य को फल, ठेकुआ और अन्य विशेष प्रसाद चढ़ाते हैं।
समिति का लक्ष्य इस पवित्र उत्सव को सुचारू और भक्तिमय वातावरण में संपन्न कराना है, सभी भक्तों की सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे स्वच्छता और शांति बनाए रखने में सहयोग करें।
छठ पूजा की परंपराएँ
छठ पूजा सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह कई प्राचीन और पवित्र परंपराओं का संगम है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही हैं।
- **नहाय-खाय:** पहले दिन, भक्त नदी में स्नान करते हैं और चावल, दाल, और लौकी की सब्जी जैसे सात्विक भोजन खाते हैं। यह शुद्धता की शुरुआत है।
- **खरना:** दूसरे दिन, निर्जला व्रत रखा जाता है। शाम को, गुड़ और चावल की खीर (रसियाव) और रोटी का प्रसाद बनाकर खाया जाता है। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है।
- **संध्या अर्घ्य:** तीसरे दिन, भक्त घाटों पर परिवार सहित एकत्र होते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस दौरान सूप में फल, ठेकुआ, गन्ना आदि चढ़ाए जाते हैं।
- **उषा अर्घ्य:** चौथे और अंतिम दिन, सूर्योदय से पहले घाट पर पहुँचकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसके बाद व्रत का पारण होता है।
- **प्रसाद का महत्व:** छठ का प्रसाद जैसे ठेकुआ, खजूर, चावल के लड्डू आदि बांस की बनी टोकरियों (सूप) में ही रखे जाते हैं, जो पवित्रता का प्रतीक है।
- **घाटों पर व्यवस्था:** समिति द्वारा घाटों पर साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है ताकि भक्त बिना किसी बाधा के पूजा कर सकें।
पूजा कार्यक्रम 2023
इस वर्ष, हमारी समिति छठ पूजा को और भी भव्य और सुचारु बनाने के लिए कई विशेष कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। सभी भक्तों से सादर अनुरोध है कि वे इसमें भाग लें।
नहाय खाय
प्रातः स्नान करके शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करना। घर की सफाई और पवित्रता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
खरना
पूरे दिन उपवास रखकर शाम को गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण किया जाता है।
संध्या अर्घ्य
शाम को सूर्यास्त के समय नदी या तालाब में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। मुख्य घाटों पर भव्य आयोजन।
उषा अर्घ्य
सूर्योदय से पहले नदी तट पर पहुँचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है।
छठ सांस्कृतिक डांस प्रतियोगिता
समिति हर साल छठ महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक डांस प्रतियोगिता का आयोजन करती है। अपनी प्रतिभा दिखाएं और आकर्षक पुरस्कार जीतें!
नियम और शर्तें:
- प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आयु सीमा 10 से 25 वर्ष है।
- प्रदर्शन केवल छठ पूजा या भक्ति गीतों पर आधारित होना चाहिए।
- एकल और समूह (अधिकतम 5 सदस्य) दोनों प्रदर्शन स्वीकार्य हैं।
- प्रत्येक प्रदर्शन की अवधि 3 से 5 मिनट के बीच होनी चाहिए।
- पंजीकरण की अंतिम तिथि: 15 नवंबर, 2023।
- पंजीकरण शुल्क: ₹100 प्रति व्यक्ति (समूह के लिए ₹300)।
पंजीकरण के लिए, कृपया संपर्क पेज पर दिए गए नंबर पर कॉल करें या समिति कार्यालय में आएं।
आकर्षक पुरस्कार:
प्रथम पुरस्कार
₹10,000 नकद और विशेष स्मृति चिन्ह
द्वितीय पुरस्कार
₹5,000 नकद और प्रमाण पत्र
तृतीय पुरस्कार
₹2,500 नकद और सम्मान पत्र
सांत्वना पुरस्कार
सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र और उपहार
पिछले वर्षों की झलकियाँ
छठ पूजा से संबंधित ब्लॉग
हमारी समिति
हमारी समिति के समर्पित सदस्य, जो छठ पूजा के भव्य आयोजन को संभव बनाते हैं।
समिति से संपर्क करें
पता
गंगा घाट, पटना, बिहार - 800001
फोन
+91 98765 43210
ईमेल
info@chhathsamiti.com
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खाता धारक का नाम: श्री चत् पूजा समिति
खाता संख्या: XXXXXXXXXXXXXX (यहां अपनी समिति का वास्तविक खाता संख्या डालें)
IFSC कोड: SBIN000XXXX (यहां अपनी समिति का वास्तविक IFSC कोड डालें)
SWIFT कोड (अंतर्राष्ट्रीय दान के लिए): SWIFTXXXXXXX (यदि उपलब्ध हो)
आपके सहयोग के लिए श्री चत् पूजा समिति हृदय से आभारी है। आपका दान सीधा छठ घाटों की व्यवस्था, प्रसाद वितरण और जरूरतमंदों की सेवा में उपयोग किया जाएगा।